भोपाल।मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि प्रदेश में गहराते जल संकट , गिरते भूजल स्तर व जल संरक्षण को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने प्रदेश में “राइट टू वाटर “ की परिकल्पना के साथ एक राष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन रखा।जिसमें देश के 25 राज्यों के विभिन्न जल व पर्यावरण विशेषज्ञ एवं समाजसेवी शामिल हुए।जिसमें भविष्य में जल संकट से निपटने के लिये , गिरते भूजल स्तर को देखते हुए व जल स्रोतों के संरक्षण के लिए कार्य योजना बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई , जिसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे।
इस राष्ट्रीय जल सम्मेलन में विभिन्न जल विशेषज्ञों ने अपने विचार रख , प्रदेश के मुख्यमंत्री के इन प्रयासों के लिए उनकी सराहना की व उनका अभिनंदन किया।
बेहद अफसोस है कि ऐसे जनहित के कार्यों की सराहना की बजाय , भाजपा मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को कोसने का काम कर रही है ?
मुख्यमंत्री के इस सम्मेलन में कहे गए कथन कि “ मेरा एक सपना है कि मध्यप्रदेश को ऐसा राज्य बनाऊं जो देश की पानी की जरूरतों को पूरा कर सके “ पर उन्हें कोसते हुए भाजपा कह रही है कि मुख्यमंत्री जी सपने नहीं दिखाये।जबकि हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी सपने दिखाते नहीं , सपने पूरे करते हैं , वही जिन्होंने 15 वर्ष सिर्फ झूठे सपने दिखाये वह आज इस तरह के आरोप लगा रहे हैं ?
जो लोग प्रदेश का जल संकट दूर करने की आज मांग कर रहे हैं , वह लोग प्रदेश में 15 वर्ष सत्ता में रहे ।तब तो उन्होंने प्रदेश के जल संकट की कोई चिंता नहीं की , उसको लेकर कोई कार्ययोजना नहीं बनायी और वे आज डेढ़ वर्ष की कांग्रेस सरकार से जल संकट से निदान की मांग कर रहे हैं , बेहद आश्चर्यजनक है ?
वे यह सच भी स्वीकार कर रहे है कि प्रदेश में भरपूर प्राकृतिक संसाधन है लेकिन यदि पूर्व की भाजपा सरकार ने इस मामले में ठोस इच्छाशक्ति व कार्य योजना बनायी होती तो शायद आज प्रदेश को जल संकट के मामले में यह दिन देखने नहीं पड़ते।भाजपा सरकार में जल संकट से निपटने के लिए एक भी कार्य योजना नहीं बनायी गयी उलटा प्रदेश की नदियों को पूरे 15 वर्ष में अवैध उत्खनन द्वारा खोद दिया गया।
जिसका परिणाम है आज हमारे 65 बांध , 165 रिजर्व वायर सूखे की चपेट में है , स्थानीय निकाय नागरिकों को 2 से 4 दिन में पानी उपलब्ध करवा पा रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने इस जल सम्मेलन में कहा कि उनका सपना है कि हर व्यक्ति को शुद्ध जल उसके घर पर मिले।मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने तो स्वयं इस जल सम्मेलन में स्पष्ट किया कि 1982 में हुए पृथ्वी सम्मेलन में भी उन्होंने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच से उठाया था कि पर्यावरण , जंगल तभी तक सुरक्षित और जीवित है , जब तक हमारे पास पानी है।वर्तमान में प्रदेश की 72% आबादी गांव की बसाहटो में निवास करती है।मुख्यमंत्री जी की मंशा है भविष्य में प्रत्येक घर में नल के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति शुद्ध स्वच्छ जल पहुंचे।