एक कानूनी लड़ाई.. एक भाई को सरकार से अपनी बहिन को पाने में लग गए 4 साल..
 

एक कानूनी लड़ाई..

एक भाई को सरकार से अपनी बहिन को पाने में लग गए 4 साल..

 


 

एक भाई को अपने बिछड़ी हुई बहन से मिलने में 4 साल लग जाएं और बहन की बेटी यानी खुद की भांजी का अता-पता ना चले तो उस शख्स की मनोदशा को खुद ही समझा जा सकता है ।ग्वालियर अंचल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक भाई को अपने मानसिक रूप से कमजोर बहन को पाने के लिए पूरे 4 साल लग गए ,,और वो भी सरकारी खानापूर्ति के चलते... 4 साल बाद एडीएम के आदेश पर जब भाई को बहन मिली तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था..

 

-- ग्वालियर के महिला एवं बाल विकास विभाग के दफ्तर में बैठी मानसिक रूप से कमजोर दिखाई देने वाली महिला का नाम दीपिका श्रीवास्तव है ।जिसकी उम्र अब 45 साल हो गयी हैं ।दीपिका के पति को करीब 5 साल पहले उसके पति ने छोड़ दिया था ।और मनोदशा बिगड़ जाने पर दीपिका ग्वालियर संभाग के अशोक नगर में जिला प्रशासन की टीम को सड़कों पर घूमती हुई मिल गई थी । अशोक नगर के जिला प्रशासन के आदेश पर उसके रहवास के लिए ग्वालियर के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित स्वाधार गृह कंपू में भेज दिया गया । दीपिका को अगस्त 2017 में ग्वालियर लाया गया था। तब से वह स्वाधार गृह में रह रही थी... इस बीच में दीपिका के भाई एडवोकेट निखिल श्रीवास्तव ने बहुत लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अपनी बहन को कानूनी रूप से आज अपने अधिकार में लिया। और अपने घर ले जाने की प्रशासन से सहमति ली ।

 

बातचीत स्रोत --निखिल श्रीवास्तव- एडवोकेट एवं दीपिका के भाई

 

-- दीपिका को जब उसके पति ने छोड़ा था तो  उसकी एक मासूम बच्ची भी थी ।और एक पुत्र जो की आयु में बड़ा था वह मामा यानी की निखिल श्रीवास्तव के पास बना रहा ।लेकिन इस मामले में दीपिका की बच्ची उस समय 10 साल से कम उम्र की थी तो उसे बाल कल्याण समिति ने भोपाल भेज दिया... इसका कि आज तक पता नहीं है ..लेकिन अब ग्वालियर का प्रशासन इस बात से संतुष्ट है कि वो एक  बहन को उसके भाई के हवाले कर रहे हैं। वह भी विधिवत रूप से ..

 

बातचीत स्रोत= शालीन शर्मा

-जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी

 

. इस मामले में दीपिका श्रीवास्तव के भाई निखिल श्रीवास्तव की बात पर गौर किया जाए ,तो उसे अपनी ही बहन से मिलने और उसे कानूनी रूप से पाने के लिए तमाम पापड़ बेलने पड़े ...और उसे आज भी पूरी खुशी नहीं मिल सकी ..क्योंकि उनकी एक भांजी जो इस समय लगभग 11 साल की होगी.. उसका कोई अता पता बाल कल्याण समिति भोपाल बता नहीं सकी है.. जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दीपिका के एडवोकेट भाई ने तमाम लिखा पढ़ी की ...लेकिन वह सब कवायद अंधेरे कुएं में बांस डालने जैसी ही रही...