हाथी आगे आगे,,, वन विभाग पीछे पीछे . MP

 


हाथी आगे आगे वन विभाग पीछे पीछे .



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हाथी आगे आगे वन विभाग पीछे पीछे .



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…छतीसगढ़ से आये करीब 4 माह से नरसिंहपुर जिले में मेहमान बने दो जंगली हाथी बीती रात करेली तहसील के खेतों में आ गए और खेतों में अपना डेरा जमा लिया..  गन्ना गेंहू चना मसूर की फसलों को नुकसान कर रहे है । सुबह जब किसान अपने खेतों में पहुचे तो हाथियो के पैर के निशान और खेतों में हुए नुकसान को देखकर किसान चिंतित हुए किसान अपने खेतों में हाथियो को अपनी साल भर से सुरक्षित फसल को खाते ओर नुकसान पहुचते अपनी आँखों से देख रही है लेकिन कुछ कर नही पा रहे है । वनविभाग सिर्फ ड्रोन के सहारे उन पर निगरानी रखे हुए है दोनो हाथियो के द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुचाया जा रहा है जहां एक ओर  किसान अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर चिन्तित दिखाई दे रहा है वही जान का खतरा भी किसानों को बना हुआ है क्योंकि एक माह पहले इन हाथियो के द्वारा किसानों को घायल भी किया जा चुका है ,वही यदि दोनों हाथी आवासीय इलाको में पहुचते है तो कोई बड़ी जनहानि पहुच सकती है वनविभाग की टीम भी सिर्फ निगरानी करती हुई नजर आई क्यो की हाथियो को रेस्क्यू करने के कोई इंतजाम नही है ।


– ठाकुर निरंजन सिंह ( वन परिक्षेत्र अधिकारी ) के मुताबिक–transcription हाथियो की रात की लोकेशन खेरी ग्राम में थी राजस्व सीमा में अभी ये करेली से दो किलो मीटर शुगर मिल ओर सियाबीन प्लांट के पास है ये दोनों हाथी 4 माह से यहां है ये जंगल पहुच गए थे ये बरकुआ ग्वारी खेरी से होते हुए यहां आए है किसानों का नुकसान कृषि विभाग बता पायेगा ये छतीसगढ़ से यह आये है


नरसिंहपुर में लंबे समय से उत्पात मचा रहे छत्तीसगढ़ के जंगली हाथियों की परवरिश कान्हा नेशनल टाइगर रिजर्व में करने की तैयारी है इसके लिए कान्हा टाइगर रिजर्व में वाड़ा बनाया जा रहा है जिसका काम पूरा होते ही जंगली हाथियों को पकड़कर वहां शिफ्ट किया जाएगा। हाथियों की रेस्क्यू करने और कान्हा नेशनल टाइगर रिजर्व शिफ्ट करने की कवायद शुरू कर दी गई है । इसमें अभी एक पखवाड़े का समय लगने की संभावना है हाथियों को पकड़ने का जिम्मा पेंच नेशनल पार्क और सिवनी के वन विभाग को दिया गया है । फिलहाल हाथियों का यह जोड़ा नरसिंहपुर के गांव में देखा जा रहा है।