नरेन्द्र सिंह की पहल--अगले महीने तक मुरैना व श्योपुर प्रशासन को 63  करोड़ रूपए और देगा रेल मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद तोमर की पहल पर दिल्ली में रेल मंत्रालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक 



||ग्वालियर-श्योपुरकलां गेज परिवर्तन के साथ कोटा तक नई
रेल लाइन बिछाने के कार्यों की रेल मंत्री गोयल ने की समीक्षा||



||अगले महीने तक मुरैना व श्योपुर प्रशासन को 63  करोड़ रूपए और देगा रेल मंत्रालय



यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि, धनराशि की कमी नहीं आने देगा रेल मंत्रालय, काम में तेजी के निर्देश||
नई दिल्ली, 5 मार्च 2020: केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की पहल पर रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने गुरूवार को ग्वालियर-श्योपुरकलां गेज परिवर्तन के साथ कोटा तक नई रेल लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट की समीक्षा की। बैठक में केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष रूप से मौजूद थे। दोनों मंत्रियों ने कहा कि रेल यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि है। इसके लिए रेल मंत्रालय धनराशि की कमी नहीं आने देगा। रेल मंत्री ने रेलवे तथा चंबल संभाग एवं मुरैना व श्योपुर जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रोजेक्ट का काम तेजी से करने को कहा। साथ ही कहा कि अगले महीने तक रेल मंत्रालय दोनों जिलों की जरूरत के अनुसार 63 करोड़ रू. दे देगा। 
दोनों केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में चम्बल संभाग की आयुक्त श्रीमती रेणु तिवारी, मुरैना की कलेक्टर सुश्री प्रियंका दास व श्योपुर की कलेक्टर सुश्री प्रतिभा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम में शामिल हुई। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मंत्रालय में बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि प्रोजेक्ट के तहत कुल 284 किलोमीटर लंबाई में कार्य किया जाना हैं। ग्वालियर-श्योपुरकलां गेज परिवर्तन का काम 187.53 किलोमीटर लंबाई में होगा, वहीं कोटा तक नई रेल लाइन बिछाने का कार्य 96.49 किलोमीटर लंबाई में किया जाना है। इस पूरे प्रोजेक्ट को अंजाम देने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री और मुरैना-श्योपुर क्षेत्र के लोक सभा सदस्य श्री नरेंद्र सिंह तोमर नियमित रूप से निगरानी रखे हुए हैं। श्री तोमर ने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से भी इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए समीक्षा करने का आग्रह किया था, जिस पर गुरूवार शाम दिल्ली में रेल मंत्रालय में बैठक आयोजित की गई। 
रेल मंत्री श्री गोयल ने ग्वालियर-श्योपुरकलां गेज परिवर्तन के कार्य को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए। रेल अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय द्वारा 155 करोड़ रू. दिए जा चुके हैं। जहां भी जमीन मिल गई, वहां काम चल रहा है। श्री गोयल ने संभाग व जिलों के अधिकारियों से कहा कि पूरी जमीन मिलने से प्रोजेक्ट्स में जल्दी काम हो पाता है, अतः सारी जमीन रेलवे को शीघ्रता से मुहैया करा दी जाएं, ताकि प्रोजेक्ट जनसेवा हेतु उपयोग में आ सकें। संभागायुक्त ने कहा- रेलवे का पूरा सहयोग प्रशासन को मिल रहा है। सरकारी जमीन लगभग पूरी मिल चुकी है, वहीं निजी जमीन के लिए भी कार्यवाही तकरीबन पूरी हो गई है। मई तक बची हुई जमीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। 
संभागायुक्त तथा दोनों कलेक्टरों की मांग तथा श्री तोमर की पहल पर रेल मंत्री श्री गोयल ने अप्रैल यानी अगले महीने तक आवश्यक 63 करोड़ रू. देने के निर्देश रेल अधिकारियों को तुरंत दे दिए। इसमें से 23 करोड़ रू. मुरैना व 40 करोड़ रू. श्योपुर को दिए जाएंगे। साथ ही, आवश्यक सहयोग के लिए रेलवे की ओर से मध्य प्रदेश सरकार को पत्र भी भेजा जाएगा। श्री तोमर ने कहा कि रेलयात्रियों की सुविधा के लिए यह जरूरी है। जनसुविधा हमारे लिए सर्वोपरि है। रेल मंत्री ने बताया कि प्रोजेक्ट का विधिवत् शिलान्यास समारोह केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के आतिथ्य में शीघ्र ही आयोजित किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
तीनों महिला अधिकारियों को रेल मंत्री ने दी बधाई- समीक्षा बैठक में सबसे पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग में चंबल की संभागायुक्त श्रीमती रेणु तिवारी, मुरैना कलेक्टर सुश्री प्रियंका दास एवं श्योपुर कलेक्टर सुश्री प्रतिभा की मौजूदगी देखकर रेल मंत्री श्री गोयल ने उन्हें बधाई दी और कहा कि महिला दिवस के पूर्व इस समीक्षा बैठक में आप तीनों की उपस्थिति से उन्हें प्रसन्नता हो रही है। उनके साथ ऐसा पहली बार हो रहा है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग में तीनों ही महिलाएं सामने हैं, यह खुशी की बात है। 
प्रोजेक्ट की प्रगति- प्रोजेक्ट का काम चार चरणों में होगा। पहले चरण में ग्वालियर-जौरा-अलापुर (48.41 किलोमीटर), फेज-2 में जौरा-अलापुर-सबलगढ़ (41.60 किलोमीटर), तीसरे चरण में सबलगढ़-श्योपुरकलां (107.23 किलोमीटर) के बीच गेज परिवर्तन किया जाएगा। साथ ही श्योपुरकलां-कोटा तक 96.47 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए गेज परिवर्तन हेतु चरणवार कुल 629 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है, जिसमें से 260.406 हेक्टेयर भूमि अभी तक अधिग्रहित की जा चुकी है, वहीं नई लाइन बिछाने के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु रोड मैप तैयार किया जा रहा है। 
चरणवार भूमि अधिग्रहण की स्थिति
फेज-1 (ग्वालियर-जौरा-अलापुर) हेतु 115.682 हेक्टेयर में से 78.083 हेक्टेयर भूमि, फेज-2 (जौरा-अलापुर-सबलगढ़) हेतु 129.463 हेक्टेयर में से 33.323 हेक्टेयर भूमि, फेज-3 (सबलगढ़-श्योपुरकलां) हेतु 384.047 हेक्टेयर में से 134.199 हेक्टेयर हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। 
कार्य प्रगति की स्थिति 
फेज-1 हेतु पहले 36 किलोमीटर (बिरलानगर-सुमौली) के अर्थवर्क और माइनर ब्रिज के लिए अनुबंध किया गया है। शेष भाग (12 किलोमीटर) में अर्थवर्क और माइनर ब्रिज के लिए निविदा को फेज-2 के साथ जोड़ा गया है, जिसे इसी महीने जारी करने की संभावना है। मेजर 7 ब्रिज के लिए निविदा, अप्रैल-2020 में जारी किए जाने की संभावना है, जिसे चरण- II  के लिए जोड़ा जाएगा। फेज-2 हेतु अर्थवर्क, मेजर और माइनर ब्रिज के लिए इसी महीने निविदा जारी किए जाने की संभावना है। मेजर 5 ब्रिज के लिए निविदा अगले महीने जारी किए जाने की संभावना है, जिसे चरण-एक के साथ जोड़ा जाएगा। फेज-3 हेतु अर्थवर्क, मेजर और माइनर ब्रिज के लिए भी इसी महीने निविदा जारी किए जाने की संभावना है। मेजर 5 ब्रिज के लिए निविदा जून-2020 में जारी किए जाने की संभावना है। महत्वपूर्ण पुल (कूनो नदी) (7x61 मीटर) के लिए निविदा मई में जारी होने की संभावना है।